Untold Stroy Of Ramayana
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पर प्रकाशित 18 May 2020 / में
आध्यात्मिक
रावण जब सीताजी का हरण करके लंका ले गया, तब माता सीता अशोक वाटिका में वट व्रक्ष के नीचे बैठकर केवल प्रभु श्रीराम का स्मरण और चिंतन करतीं रहती थीं. रावण बार-बार आकर सीताजी को धमकाता था लेकिन वह कुछ नहीं बोलती थीं. यहां तक कि रावण ने श्रीराम के वेश में आकर माता सीता को भ्रमित करने की कोशिश की लेकिन फिर भी सफल नहीं हुआ.
रावण अपनी समस्त ताकत लगा चुका था लेकिन जगत जननी मां को आज तक कोई नहीं समझ सका फिर रावण भी कैसे समझ पाता |रावण एक बार फिर आया और बोला मैं तुमसे सीधे संवाद करता हूँ लेकिन तुम कैसी नारी हो की मेरे आते ही घास का तिनका उठाकर उसे ही घूर कर देखने लगती हो, क्या घास का तिनका तुम्हें राम से भी ज्यादा प्यारा है ?
आइए जानते हैं कि माता सीता ने रावण को क्या जवाब दिया |
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