Saraswati Vandana by Lata Mangeshkar

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Vaaruni Agarwal
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Publié le 31 Mar 2019 / Dans Gaming

या कुन्देन्दु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रा वृता
या वीणा वरद ण्डमण्डित करा या श्वेत पद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकर प्रभृति भिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्या पहा॥१॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥

हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
वह बल विक्रम दे। वह बल विक्रम दे॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
साहस शील हृदय में भर दे,
जीवन त्याग-तपोमर कर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे,
स्वाभिमान भर दे। स्वाभिमान भर दे॥1॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥
लव, कुश, ध्रुव, प्रहलाद बनें हम
मानवता का त्रास हरें हम,
सीता, सावित्री, दुर्गा मां,
फिर घर-घर भर दे।
फिर घर-घर भर दे॥2॥
हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी
अम्ब विमल मति दे। अम्ब विमल मति दे॥

या कुन्देन्दु तुषार हार धवला या शुभ्र वस्त्रा वृता
या वीणा वरद ण्डमण्डित करा या श्वेत पद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकर प्रभृति भिर्देवैः सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेष जाड्या पहा॥१॥

शुक्लां ब्रह्मविचार सार परमामाद्यां जगद्व्यापिनीं
वीणा-पुस्तक-धारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फटिकमालिकां विदधतीं पद्मासने संस्थिताम्
वन्दे तां परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्॥२॥

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