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महाशिवरात्रि व्रत और पूजा की विधि

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भगवान शिव को त्रिदेवों में संहार के देवता के रूप में जाना जाता है। अन्य देवों से भगवान शिव बिलकुल अलग हैं। जहाँ एक और उन्हें उनके रौद्र रूप से जाना जाता है वहीं उनका एक नाम भोलेनाथ भी है। गले में सर्प माला, सिर पर गंगा, शरीर पर भस्म और मृग खाल लपेटे शिव की छवि निराली है। महाशिवरात्रि शिव जी का सबसे बड़ा त्यौहार है, जिसे बेहद उत्साह से मनाया जाता है। अगर कोई भक्त पूरे दिल से महाशिवरात्रि पूजा विधि का पालन करता है तो भगवान शिव उसे कभी खाली हाथ अपने द्वार से नहीं जाने देते। पूरे दिल से महाशिवरात्रि को शिव जी की पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। जानिए महाशिवरात्रि व्रत और महाशिवरात्रि पूजा विधि ताकि इस महाशिवरात्रि आप भी कर सके उन्हें खुश और पा सके भोलेनाथ का असीम आशीर्वाद।

महाशिवरात्रि व्रत

हिन्दू पंचांग के अनुसार यह त्यौहार फाल्गुन महीने में मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि का पर्व चार मार्च को मनाया जाएगा। संयोग की बात यह है कि इस महाशिवरात्रि को सोमवार है। जिससे इस साल महाशिवरात्रि पर्व का महत्व और भी अधिक बढ़ गया है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और देवी पार्वती का विवाह हुआ था। इस पर्व को लेकर भक्त इस साल और भी अधिक उत्साहित हैं। यह भी माना जा रहा है कि इस साल जो भी महाशिवरात्रि का व्रत और आराधना करता है। उस पर शिव जी की खास कृपा होगी, यही नहीं उसके सभी पापों का नाश होगा और कई गुना अधिक पुण्य प्राप्त होंगे।

महाशिवरात्रि व्रत की विधि

महाशिवरात्रि के दिन मंदिरों में शिव के नाम की धूम रहती है। महाशिवरात्रि व्रत इस त्यौहार का मुख्य हिस्सा है। महाशिवरात्रि 2019 की खास बात यह है कि महाशिवरात्रि का शुभ मुहूर्त इस चार मार्च को शाम के समय शुरू होगा। किंतु महाशिवरात्रि का व्रत अगले दिन यानी पांच मार्च को रखा जाएगा। इस दिन शिव भक्त मंदिर में जा कर शिवलिंग की पूजा करते हैं और रात भर जागरण कर के शिव की के भजनों को गाया जाता है। पूरा दिन “शंकर जी की जय”,और “ॐ नमो शिवाय” और “हर हर महादेव” के नारे लगाये जाते है।

व्रत वाले दिन सुबह उठ कर अपने नित्य कामों से निवृत्त हो कर भगवान शिव का स्मरण करना चाहिए। इसके बाद शिव मंदिर में जा कर शिव जी की पूजा करनी चाहिए। इस दिन श्रद्धालु तीन प्रहर व्रत रखते हैं। इस दिन दो बार केवल फलाहार किया जाता है। हालाँकि कई भक्त इस दिन सिर्फ निर्जला व्रत रखते हैं। ताकि शिव जी उन पर जल्दी प्रसन्न हों। इस दिन अनाज से दूर रहा जाता है, लेकिन चाय या दूध का सेवन किया जा सकता है। अगर भक्त चाहे तो कुट्टू का आटा या साबूदाने का आटा पका कर उसे ग्रहण कर सकते हैं। इस दिन ठंडाई यानी भगवान शिव के प्रसाद को भक्त अवश्य ग्रहण कर सकते हैं। अगली सुबह भगवान शिव के आराधना के बाद ही भक्त को भोजन ग्रहण करना चाहिए।

महाशिवरात्रि पूजा विधि

महाशिवरात्रि पूजा विधि कोई मुश्किल नहीं है। शिव जी को भोले शंकर और भोले नाथ के नाम से इसलिए भी जाना जाता है क्योंकि वो बहुत जल्दी खुश हो जाते हैं। महाशिवरात्रि पूजा विधि जितनी आसान है उतनी ही फलदायी भी है। महाशिवरात्रि के दिन सुबह उठ कर शिव जी के व्रत का संकल्प लें और पूरा दिन मन जी मन शिव की का नाम लें और  ऊं नम: शिवाय का जप करें। पूजा की पूरी तैयारी पहले ही कर लें। एक आसान को शुद्ध करें और उसके बाद पूजा की तैयारी शुरू कर दें। जो लोग व्रत रख रहे हैं उन्हें शिव जी का जल, दूध, शहद आदि से अभिषेक करना चाहिए। शिव जी की पूजा करने से सबसे पहले स्वस्ति पाठ करें। इसमें इस मंत्र का पाठ करें। स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवा:, स्वस्ति ना पूषा विश्ववेदा:, स्वस्ति न स्तारक्ष्यो अरिष्टनेमि स्वस्ति नो बृहस्पति र्दधातु।’

इसके बाद भगवान शिव का चन्दन से तिलक करें। इस मंत्र का उच्चारण करें “इदं श्रीखंड चंदनम् लेपनम ओम नमः शिवाय नमः”। इसके साथ ही भगवान शिव की आराधना करे। उनसे सुख और समृद्धि की प्रार्थना करें। अब शिवलिंग पर अक्षत चढ़ाते हुए ‘इदं अक्षतम् ओम नमः शिवाय’ का जाप करें। अब इसके बाद शिव जी का पसंदीदा आक और धतूरा शिवलिंग पर अर्पित करें। इसके साथ ही बिल्वपत्र और चावल भी शिव जी को अर्पित कर सकते हैं। इन बिल्वपत्र पर  ऊं नम: शिवाय अवश्य लिखें और ग्यारह से लेकर इक्कीस विलपत्र उन्हें अर्पित करें।

शिव के नाम का जाप करें

इस दौरान जितना हो सके उतना अधिक ओम नमः शिवाय का जाप करें इसके साथ ही ॐ का उच्चारण भी इस पर्व में बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। महाशिवरात्रि के दिन शिव पुराण, शिव पंचाक्षर, शिव स्तुति ,शिव अष्टक, शिव चालीसा,शहस्त्र नामों का पाठ अवश्य करें इससे शिव जी अपनी कृपा आप पर जल्दी बरसायेंगे। महाशिवरात्रि की मध्यरात्रि को ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव अपने भक्तों के करीब होते हैं। अगर इस समय भक्त शिव जी को खुश करें तो उन पर कभी कोई संकट नहीं आता। इसलिए रात भर शिव जी का जागरण अवश्य करें।

इस महाशिवरात्रि सम्पूर्ण पूजा विधि से आराधना करें, भोले नाथ आपकी हर इच्छा अवश्य पूरी करेंगे। हर पाप से मुक्ति पाने और पुण्य प्राप्ति के लिए महाशिवरात्रि की व्रत और पूजन से बेहतरीन और कुछ भी नही है। इस व्रत को पुरुष, महिला और कन्याओं सभी के लिए शुभ और फलदायी है। जो भी महिला पूरे मन और विधि-विधान से महाशिवरात्रि की पूजा और व्रत करती है। उसे शिव जी सदा सुहागन रहने का वरदान देते हैं। कुंवारी कन्याओं को महाशिवरात्रि का पूजन करने से शिव जी की भांति बेहतरीन वर मिलता है।


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