ऋणमोचक मंगल स्तोत्र |
यदि आपके ऊपर ऋण वा कर्ज का बोझ अधिक बढ़ गया है और आप उस कर्ज को चाह कर भी नहीं उतार पा रहे है तब यदि आप "ऋणमोचक मंगल स्तोत्र" का नियमित पाठ करते है तो निश्चित ही धीरे आपका ऋण उतर जाएगा। जैसा की आप जानते है मंगल का सम्बन्ध हनुमानजी से है और हनुमानजी सर्वबाधामुक्ति प्रदाता है यह श्लोक भी हनुमान जी की ही आराधना के रूप में प्रतिष्ठित है।
इस पाठ को प्रारम्भ करने के लिए सर्वप्रथम आपको किसी शुभ तिथि का चयन भारतीय पञ्चाङ्गानुसार कर लेना चाहिए। यह पाठ मंगलवार को ही शुरू करना चाहिए अन्य दिन को नही। इस पाठ को करने से पूर्व लाल वस्त्र बिछाकर मंगल यन्त्र व महावीर हनुमान जी को स्थापित करना चाहिए , सिंदूर व चमेली के तेल का चोला अर्पित कर अपने बाये हाथ की तरफ देशी घी का दीप व दाहिने हाथ की तरफ तिल के तेल का दीप स्थापित करना चाहिए। इसके बाद हनुमान जी को गुड़, चने व बेसन का भोग लगाना चाहिए।
मंगल देव (मंगल यन्त्र को प्राण प्रतिष्ठित कर) व हनुमान जी के सामने ऋणमोचक मंगल स्तोत्र का पाठ, लाल वस्त्र धारण कर के हीआरम्भ करना चाहिए। यह पाठ अपनी श्रद्धा अनुसार 1, 3, 5, 9, अथवा 11 पाठ 43 दिन तक नित्य करना चाहिए । इस स्तोत्र का नियमित पाठ करने से निश्चित ही कर्ज, ऋण व आर्थिक बाधा से मुक्ति मिलती है ।
Credit/Source:- https://www.youtube.com/watch?v=ztcH7tkeLhs