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लिंगम के रूप में भगवान शिव

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Purvi Aggarwal
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yayınlandı 17 Apr 2020 / İçinde Haberler ve Politika

⁣बहुत से लोगों ने शिवलिंग का गलत अर्थ बताकर शिवलिंग के बारे में गलतफहमियां पैदा की हुई है। जिसका अर्थ इतना गलत बताया गया है कि उसकी व्याख्या करना भी एक तरह का पाप है। इस में अंग्रेजों के साथ साथ हमारे देश के कुछ लोग भी शामिल हैं। यह सरासर महादेव का अपमान है। लेकिन हम आपको शिवलिंग के वास्तविक अर्थ के बारे में बताने जा रहे हैं और इसी के साथ-साथ आपको इसकी विशेषता भी पता चल जाएगी।


⁣भारत भर में भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग को विभिन्न आकारों में दर्शाया गया है। लोगों द्वारा अपनी भावनाओं और भक्ति को प्रकट करने के लिए अपनी इच्छा अनुसार जिसका जैसा मन किया शिवलिंग को वैसा ही रूप दे दिया गया। लेकिन अगर प्रमुख 12 ज्योतिर्लिंग को देखा जाए तो उन सभी का रूप एक दूसरे से काफी भिन्न है। हर शिव लिंग के रूप की पूजा का मकसद अलग अलग है। कुछ शिवलिंग अच्छे स्वास्थ्य के लिए बनाए गए हैं तो कुछ विवाह के लिए व कुछ शिवलिंग ध्यान साधना के लिए निर्मित किए गए हैं। लेकिन इन सभी में एक चीज सामान्य है। इन सभी की आकृति वृत्ताकार है जो कि तीनों लोको को दर्शाता है।



⁣शिवलिंग इस बात का प्रतीक भी है कि भगवान शिव किसी स्त्री और पुरुष का प्रतीक ना होकर संपूर्ण ब्रह्मांड का शून्य का यानी कि निराकार का प्रतीक है। अर्थात उन्हें किसी एक शैली में बांधकर नहीं रखा जा सकता अगर आप विज्ञानिको द्वारा ली गई ब्रह्मांड की तस्वीर को देखेंगे तो आपको पता चलेगा की संपूर्ण ब्रह्मांड एक शिवलिंग की संरचना को दर्शाता है। शिवलिंग अनंत है यानी कि ना तो इसकी कोई शुरुआत है और ना ही इसका कोई अंत है।



Credit/Source:- ⁣https://www.youtube.com/watch?v=LtsV5ZFuYzA

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