धर्म की परिभाषा !

137 Vues
Purvi Aggarwal
2
Publié le 30 Apr 2020 / Dans Nouvelles et politique

⁣मानव धर्म वह व्यवहार है जो मानव जगत में परस्पर प्रेम, सहानुभूति, एक दूसरे का सम्मान करना आदि सिखाकर हमें श्रेष्ठ आदर्शो की ओर ले जाता है। मानव धर्म उस सर्वप्रिय, सर्वश्रेष्ठ और सर्वहितैषी स्वच्छ व्यवहार को माना गया है जिसका अनुसरण करने से सबको प्रसन्नता एवं शांति प्राप्त हो सके। धर्म वह मानवीय आचरण है जो अलौकिक कल्पना पर आधारित है और जिनका आचरण श्रेयस्कर माना जाता है। संसार के सभी धर्मो की मान्यता है कि विश्व एक नैतिक राज्य है और धर्म उस नैतिक राज्य का कानून है। दूसरों की भावनाओं को न समझना, उनके साथ अन्याय करना और अपनी जिद पर अड़े रहना धर्म नहीं है। एकता, सौमनस्य और सबका आदर ही धर्म का मार्ग है, साथ ही सच्ची मानवता का परिचय भी।


Credit/Source:- ⁣https://www.youtube.com/watch?v=Yyvdv_Amwek

Montre plus
0 commentaires sort Trier par

Commentaires de Facebook