Immunity Boosters

Следующий


भगवान कृष्णा ने महाभारत का युद्ध क्यों नहीं रोका? जन्माष्टमी पर एक छोटी सी कहानी।BeautyofSoul

1,794 Просмотры
BoS
60
Опубликован в 12 Aug 2020 / В Музыка

महाभारत कौरवों, पांडवों के बिच एक ऐसा युद्ध, एक ऐसी गाथा जो एक हि परिवार के सदस्यों में छिड़ी। और महाभारत के युद्ध से यह तय हो गया की कर्म के आधार पर फल मिलता है, यानी कर्म ही पूजा है।

श्री कृष्ण जिन्होंने धरती पर बढ़ रहे अत्याचारों को खतम करने के लिए जन्म लिया। महाभारत शुरु होने से पहले कृष्ण भगवान को सब कुछ पता था की आगे क्या होगा
उन्हें इस बात का भी पता था कि महाभारत होने वाला है, कौन विजयी होगा और कौन अपने मृत्यू को प्रप्त होगा, क्योंकी श्री कृष्ण भगवान विष्णु के ही अवतार थे।

एक तरह से देखें तो दुनिया का संचालन भगवान विष्णु ही हैं। तो ये कैसे होता की पांडव हार जाते।

लेकिन सबसे बड़ी बात ये थी की क्या श्री कृष्ण इस युद्ध को रोक सकते थे, चूकी वो खुद ही दुनिया के संचालनकर्ता थे, और सब कुछ उनकी मर्जी से ही होता है, तो भला युद्ध को रोकना उनके लिए कितना बड़ा काम था। वो चाहते तो बिना युद्ध लड़वोये ही सब कुछ सही कर देते, युद्ध में लोग जान नहीं गंवाते, औरतें विधवा नहीं होतीं, बच्चों को लाशों के सामने नहीं रोना पड़ता। लेकिन ऐसा उन्होनें नहीं किया बल्की इस भयानक युद्ध को होने ही दिया और सभी को कर्मों के आधार पर डंड मिलता गया। ऐसा क्यों

महाभारत में श्री कृष्ण बोलते हैं की ये कर्म भूमी है, यहां कर्म के अनुसार ही फल मिलेगा, और कृष्ण जी ने ये भी कहा कि युद्ध का होना ज़रुरी है ताकी लोगों को कर्मों के अनुसार फल मिलना ज़रुरी है, अगर ऐसा ना हो तो इस तरह से पापियों अधर्मियों का नाश नहीं हो पाएगा। यही शृष्टि का नियम है। इस तरह से धर्म करने वालों को फल मिलेगा और अधर्म करने वालों को उसका डंड।

श्री कृष्ण जी पांडवों के हाथों अपने ही लोगों यानी कौरवों का विनाश करवाते हैं, और श्री कृष्ण खुद पांडवों की सेना की ओर से थे। ऐसा इसलिए होता है क्योंकी कौरवों ने द्रौपदी का वस्त्र हरण किया था, और वस्त्र हरण ही युद्ध का कारण बना। महाभारत के युद्ध में कृष्ण की दो अहम भूमिकाएं थी। पहली ये कि उन्हें पांडवों को जीत तक पहुंचाना था और दूसरा ये कि महाभारत का युद्ध जल्दी खत्म करना था। दोनों में से कोई भी पक्ष ठीक से युद्ध नहीं कर रहा था और कहीं न कहीं नियम तोड़े जा रहे थे। इसलिए कृष्ण ने अर्जुन से कहा कि वो कर्ण को मार दे। ऐसा करके कृष्ण ने अर्जुन का अहंकार भी खत्म किया। अर्जुन चाहते थे कि वो लोगों के बीच बहुत बड़े योद्धा के रूप में जाने जाएं और निहत्थे कर्ण को मारकर उनका ये सपना चूर-चूर हो गया, इसलिए कुरुक्षेत्र की लड़ाई से बेहतर और कोई रास्ता नहीं हो सकता था।

इस तरह से महाभारत के युद्ध में पांडवों की जीत होती है और कौरवों की सेना में बड़े से बड़े योद्धा रहते हुए भी हार हो जाती है।

More videos,
Visit our website https://beautyofsoul.com/
Download Android App : https://play.google.com/store/....apps/details?id=com.
Facebook : https://www.facebook.com/BeautyofSoulCom/
Instagram : https://www.instagram.com/the_beautyofsoul/

Показать больше
0 Комментарии sort Сортировать по

Комментарии Facebook

Следующий